DARE DEVIL STUDIO
- 4 followers
- Category: Motivational
- | Follow
What is TRATAK ? त्राटक क्या है ? By VINOD SHARMA
Published: 4 years agoCategory:
- Motivational
About:
What is TRATAK ? ||
त्राटक क्या है ?
भारत में हठयोग प्रसिद्ध और प्रमाणित रहा है । हठयोग में छ: षट्कर्मो का उपयोग किया जाता है । त्राटक हठयोग का ही एक षट्कर्म है ।
षट्कर्म के प्रकार ।
वस्ती
धौति
नौलि
नेति
कपालभाती
और त्राटक
षट्कर्म की पांच क्रीया से शरीर की शुद्धि की जाती है और त्राटक से मन की शुद्धि की जाती है ।
त्राटक
किसी भी वस्तु को बिना पलक झपकाए लगातार देखते रहने की क्रिया को त्राटक कहते हैं।
दोस्तों आज हम बात करेंगे कि त्राटक क्यों किया जाता है ? और त्राटक करने से क्या होता है ?
दुनिया में ज्यादातर लोग अपने दिमाग और मन से परे कुछ सोच ही नहीं पाते हैं । क्योंकि वह हर बात में अपना दिमाग लगाते हैं यह कैसे हुआ इसके पीछे क्या कारण है ?
त्राटक विद्या एक ऐसी विद्या है जिससे सिद्ध करके आप अपने मन के उस पार की दुनिया में जाते हो जहां पर एक सामान्य मनुष्य नहीं जा सकता है ।
त्राटक आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जो आपकी बुद्धि और मन से परे है ।
त्राटक के निरंतर अभ्यास से साधक आध्यात्मिकता को प्राप्त करता है । त्राटक से साधक को मानव जीवन की महिमा का रहस्य पता चलता है । त्राटक के निरंतर अभ्यास से साधक को खुद में समाई हुई अपार शक्तियों का भान होता है ।
त्राटक के निरंतर अभ्यास से साधक को दिव्य दृष्टि प्राप्त होती है और उसे वह सब कुछ दिखाई देता है जो एक सामान्य मनुष्य की भौतिक आंखें नहीं देख पाती है ।
त्राटक के निरंतर अभ्यास से साधक को सम्मोहन शक्ति प्राप्त होती है ।
जो साधक बिना पलक झपकाए एकटक 40 मिनट तक त्राटक करने में सक्षम हो जाता है, उसे दुनिया का कोई भी इंसान सम्मोहित कर ही नहीं सकता । उसे सम्मोहित नहीं किया जा सकता है ।
त्राटक के बारे में समझने से पहले हमें हमारे मन के बारे में सबसे पहले समझना होगा।
हमारे शरीर में दो प्रकार के मन होते हैं
1) चेतन मन और
2) अवचेतन मन।
चेतन मन का काम है सोच-विचार करते रहना। हर समय तर्क-वितर्क करना । हर बात को परखना समझना।
अवचेतन मन का गुण है उसे जो भी काम दिया जाए वह उसे वास्तविकता में बदल देता है। अवचेतन मन को सच और झूठ से कोई लेना-देना नहीं है।
अवचेतन मन परम शक्तिशाली है । त्राटक की क्रिया से अपने अवचेतन मन को जागृत किया जाता है और एक बार अवचेतन मन जागृत हो जाए उसके बाद इस दुनिया में आपको किसी चीज की कमी नहीं रहेगी।
त्राटक के निरंतर अभ्यास से साधक का चेतन मन विचार ्शून्य हो जाता है । चेतन मन विचारशुन्य होने के बाद साधक की दिव्य और अलौकिक यात्रा शुरू होती है ।
त्राटक एक निर्दोष विद्या है।
त्राटक साधना करते वक्त अगर साधक से कोई त्रुटि रह जाती है या कोई गलती हो जाती है तो इसका दोस साधक को नहीं लगता है । इसीलिए ही त्राटक साधना को एक निर्दोष विद्या कहा गया है ।
बस आपको त्राटक के कुछ नीति नियम समझने है, जिसका पालन करके आप त्राटक में निपुणता प्राप्त कर सकते हो।
त्राटक आंखों से किया जाता है । इसलिए सबसे पहले हमें अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
त्राटक के अभ्यास की शुरुआत बिंदु त्राटक से ही की जाती है।
त्राटक करते वक्त कभी भी अपनी आंखों पर जोर जबरदस्ती ना करें । बिल्कुल सहज रूप से आप त्राटक का अभ्यास शुरू करें।
हमें त्राटक का अभ्यास निर्धारित किए गए वक़्त पर ही करना चाहिए।
मुख्यतः त्राटक दो प्रकार के हैं ।
अंतर त्राटक
बाह्य त्राटक
ध्यान लगाना, मेडिटेशन करना अंतर त्राटक कहलाता है ।
खुली आंखों से किसी भी वस्तु को टकटकी लगा कर देखना बाह्य त्राटक कहलाता है ।
बाह्य त्राटक कई प्रकार के होते हैं जैसे कि
बिंदु त्राटक
दर्पण त्राटक
ज्योति त्राटक
तारा त्राटक
चंद्र त्राटक
सूर्य त्राटक
दृश्य त्राटक
छाया त्राटक
अग्नि त्राटक
हर त्राटक की अपनी-अपनी विशेषताएं है और हर त्राटक की अपनी अपनी अलग अलग सिद्धियां है।
#DareDevilVinod #tratak #tratakmeditation #trataksadhna
#DareDevilStudio
Vinod Sharma
Please Login to comment on this video
Kedar Seeker . 1 year ago
?
Kedar Seeker . 1 year ago
Kedar Seeker से नमस्ते ?