धीरू भाई अम्बानी के जीवन बदल देने वाले विचार Motivational Hindi Quotes of Dhiru Bhai Ambani.
Sumant Singh Human
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धीरू भाई अम्बानी के जीवन बदल देने वाले विचार Motivational Hindi Quotes of Dhiru Bhai Ambani.
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धीरू भाई अम्बानी के जीवन बदल देने वाले विचार हिंदी में | Motivational / Inspirational Hindi Quotes of Dhiru Bhai Ambani. Dhirajlal Hirachand Ambani, popularly known as Dhirubhai Ambani was an Indian business tycoon who founded Reliance Industries. Ambani took Reliance public in 1977 and was worth $25.6 billion upon his death. Born: 28 December 1932, Chorwad Died: 6 July 2002, Breach Candy Hospital Trust, Mumbai Spouse: Kokilaben Ambani (m. 1955–2002) Children: Mukesh Ambani, Anil Ambani, Nina Kothari, Deepti Salgaonkar, Deepti Salgaocar Awards: Padma Vibhushan
बड़े सपने देखिये क्योंकि बड़े सपने देखने वालों के सपने ही पूरे हुआ करते हैं ऐसा धीरू भाई अंबानी का कहना था। धीरजलाल हीरालाल अंबानी जिन्हें धीरू भाई भी कहा जाता है, भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति थे। धीरजलाल हीरालाल अंबानी ने 1966 में रिलायंस टैक्सटाइल्स की स्थापना की। धीरू भाई अंबानी ने 300 रुपये वेतन में काम किया, लेकिन जब धीरू भाई ने दुनिया से अलविदा किया उस समय उनकी संपत्ति 62 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी। धीरूभाई ने जिस मेहनत, ईमानदारी और लगन से तरक्की की है उसी वजह से भारत का हर युवा उनसें प्रेरणा लेता है। धीरू भाई अंबानी के बड़े रमणीक भाई यमन में नौकरी किया करते थे।वहां उन्होंने 300 रुपये प्रति माह के वेतन पर पेट्रोल पंप पर काम किया। महज दो वर्ष में ही अपनी योग्यता की वजह से प्रबंधक के पद तक पहुंच गए। इस नौकरी के दौरान भी धीरू भाई का मन इसमें कम और व्यापार में करने के मौकों की तरफ ज्यादा रहा। धीरू भाई ने उस हरेक संभावना पर इस समय में विचार किया कि किस तरह वे सफल बिजनेस मैन बन सकते हैं। एक घटना व्यापार के प्रति जुनून को बयां करती है- धीरूभाई अंबानी जब एक कंपनी में काम कर रहे थे तब वहां काम करने वाला कर्मियों को चाय महज 25 पैसे में मिलती थी, लेकिन धीरू भाई पास के एक बड़े होटल में चाय पीने जाते थे, जहां चाय के लिये 1 रुपया चुकाना पड़ता था। उनसे जब इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसे बड़े होटल में बड़े-बड़े व्यापारी आते हैं और बिजनेस के बारे में बातें करते हैं। उन्हें ही सुनने जाता हूं ताकि व्यापार की बारीकियों को समझ सकूं। इस बात से पता चलता है कि धीरूभाई अंबानी को बिजनेस का कितना जूनून था। वर्ष 1965 में धीरुभाई अंबानी और चम्पकलाल दमानी की व्यावसायिक साझेदारी समाप्त हो गयी। दोनों के स्वभाव और व्यापार करने के तरीके बिलकुल अलग थे इसलिए ये साझेदारी ज्यादा लम्बी नहीं चल पायी। एक ओर जहाँ दमानी एक सतर्क व्यापारी थे, वहीं धीरुभाई को जोखिम उठाने वाला माना जाता था। इसके बाद धीरुभाई ने सूत के व्यापार में हाथ डाला जिसमें पहले के व्यापार की तुलना में ज्यादा हानि की आशंका थी। पर वे धुन के पक्के थे उन्होंने इस व्यापार को एक छोटे स्टोर पर शुरू किया और जल्द ही अपनी काबिलियत के बलबूते धीरुभाई बॉम्बे सूत व्यापारी संगठन के संचालक बन गए। अब तक धीरुभाई को वस्त्र व्यवसाय की अच्छी समझ हो गयी थी। इस व्यवसाय में अच्छे अवसर की समझ होने के कारण उन्होंने वर्ष 1966 में अहमदाबाद के नैरोड़ा में एक कपड़ा मिल स्थापित की। यहाँ वस्त्र निर्माण में पोलियस्टर के धागों का इस्तेमाल हुआ और धीरुभाई ने ‘विमल’ ब्रांड की शुरुआत की जो की उनके बड़े भाई रमणिकलाल अंबानी के बेटे, विमल अंबानी के नाम पर रखा गया था। उन्होंने “विमल” ब्रांड का प्रचार-प्रसार इतने बड़े पैमाने पर किया कि यह ब्रांड भारत के अंदरूनी इलाकों में भी एक घरेलू नाम बन गया। 1980 के दशक में धीरूभाई ने पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न निर्माण का सरकार से लाइसेंस लेने सफलता हासिल की। इसके बाद धीरूभाई सफलता का सीढ़ी चढ़ते गए। धीरुभाई को इक्विटी कल्ट को भारत में प्रारम्भ करने का श्रेय भी जाता है। जब 1977 में रिलायंस ने आईपीओ जारी किया तब 58,000 से ज्यादा निवेशकों ने उसमें निवेश किया। धीरुभाई गुजरात और दूसरे राज्यों के ग्रामीण लोगों को आश्वस्त करने में सफल रहे कि जो उनके कंपनी के शेयर खरीदेगा उसे अपने निवेश पर केवल लाभ ही मिलेगा। अपने जीवनकाल में ही धीरुभाई ने रिलायंस के कारोबार का विस्तार विभिन क्षेत्रों में किया। इसमें मुख्य रूप से पेट्रोरसायन, दूरसंचार, सूचना प्रोद्योगिकी, ऊर्जा, बिजली, फुटकर, कपड़ा/टेक्सटाइल, मूलभूत सुविधाओं की सेवा, पूंजी बाज़ार और प्रचालन-तंत्र शामिल हैं। धीरुभाई के दोनों पुत्र 1991 के बाद मुक्त अर्थव्यवस्था के कारण निर्माण हुये नये मौकों का पूरा उपयोग करके ‘रिलायन्स’ की पीढ़ी सफल तरीके से आगे चला रहे हैं। धीरुभाई अंबानी ने जो कंपनी कुछ पैसे की लागत पर खड़ी की थी उस रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2012 तक 85000 कर्मचारी हो गये थे और सेंट्रल गवर्नमेंट के पूरे टैक्स में से 5% रिलायंस देती थी। और 2012 में संपत्ति के हिसाब से विश्व की 500 सबसे अमीर और विशाल कंपनियों में रिलायंस को भी शामिल किया गया था। धीरुभाई अंबानी को सन्डे टाइम्स में एशिया के टॉप 50 व्यापारियों की सूची में भी शामिल किया गया था। धीरूभाई अंबानी का विवाह कोकिलाबेन के साथ हुआ था और उनको दो बेटे हैं मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी और दो बेटियाँ हैं नीना कोठारी और दीप्ति सल्गाओकर। दिल का दौरा पड़ने के बाद धीरुभाई को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 24 जून, 2002 को भर्ती कराया गया। इससे पहले भी उन्हें दिल का दौरा एक बार 1986 में पड़ चुका था, जिससे उनके दायें हाँथ में लकवा मार गया था। 6 जुलाई 2002 को धीरुभाई अम्बानी ने अपनी अन्तिम सांसें लीं। Friends if you like my video please like and share my video and don't forget to give your suggestion in comment box. Thanks for watching my video please SUBSCRIBE my Channel and Press the Bell Icon . Wish you Wellth. #Dhiru_Bhai_Ambani_motivational #inspirestional_hindi_quotes
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Ravi Kumar . 2 years ago
Nice Keep it up Sir
Bijendra Singh . 2 years ago
Bahut Achchha Video Sir ??
21st Century Amazing Business. . 2 years ago
So Nice Motivational Video Sir ???????????????
Motivational Universe . 2 years ago
Bahut Bahut Dhanywad ?
Motivational Universe . 2 years ago
दोस्तों नमस्कार अगर वीडियो अच्छा लगा तो कृपया लायक, शेयर और अपने अनमोल विचार कमेंट बॉक्स में जरूर रखें साथ में चैनल को फ़ॉलो करना बिल्कुल भी ना भूलें !! धन्यवाद !!