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फॉर्च्यूनर कार लूट कांड में वांटेड प्रकाश और बड़ी आँख को क्राइम ब्रांच ने दबोचा
Published: 1 year agoCategory:
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एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल, क्राइम ब्रांच, सनलाइट कॉलोनी की टीम ने दिल्ली कैंट थाना इलाके से फॉर्च्यूनर कार लूट के सनसनीखेज मामले में वांटेड दीपक पंडित व सोनू पहलवान गैंग से जुड़े दो अपराधियों को दबोचने में बड़ी सफलता हासिल की है। दोनो आरोपियों ने फॉर्च्यूनर कार लूट कांड के बाद से ही अपने आपको अंडरग्रांउड कर लिया था लेकिन सनलाइट कॉलोनी क्राइम ब्रांच की टीम भी दोनों आरोपियों की एक्टिविटी और मूवमेंट पर लगातार नजर रखे हुए थी। आरोपियों ने मामला शांत समझकर जैसे ही अपना ठिकाना बदलना चाह, वैसे ही क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें दबोच लिया। आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय प्रकाश व 25 वर्षीय हनी रावत उर्फ बड़ी आंख के रूप में हुई है। दोनो आरोपी संगम विहार दिल्ली के रहने वाले है। पुलिस ने इनके कब्जे से एक पिस्टल व 4 जिंदा कारतूस बरामद किया है। दिनांक 29 अक्टूबर 2022 की सुबह थाना दिल्ली कैन्ट इलाके में तीन बदमाशों ने बंदुक की नौक पर फॉर्च्यूनर कार लूट की वारदात को अंजाम दिया था। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। इस घटना का वीडियो बड़ी तेजी के साथ वायरल हुआ था। बदमाश इस पूरी घटना को महज 2 मिनट में अंजाम देकर फरार हो गये थे। वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई थी। एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल, क्राइम ब्रांच, सनलाइट कॉलोनी की टीम को मामले को सुलझाने का काम सौंपा गया। राजेश देव डीसीपी क्राइम ने सुशील कुमार एसीपी एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल सनलाइट कॉलोनी की सुपरविजन व इंस्पेक्टर राजीव बमल के नेतृत्व में एसआई नरेश कुमार, श्याम बिहारी शरण, एएसआई रोहित सौलंकी, तालीम, हेड कंांस्टेबल गुरुवेंद्र सिंह, यूनुस, सोमेश, तेजप्रताप व कंांस्टेबल अनुज की एक टीम का गठन किया। एएसआई रोहित सोलंकी और हैड कांस्टेबल गुरुवेंद्र सिंह ने सीसीटीवी कैमरा, क्राइम सीन का डंप डेटा, सीडीआर व आईपीडीआर डेटा स्कैन करने के साथ साथ लोकल इंटेलिजेंस की मदद से तीनो बदमाशों की पहचान कर ली। तीनो बदमाशों की पहचान गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया, प्रकाश व सौरभ के रूप में हुई। बदमाशों तक पहुचने के लिए एएसआई रोहित सोलंकी और हैड कांस्टेबल गुरुवेंद्र सिंह ने लगभग 2500 से अधिक सीडीआर और आईपीडीआर डेटा को खंगाला। फॉर्च्यूनर कार लूटकर जिस रूट से बदमाशों के भागने की आशंका थी एसआई नरेश सोलंकी ने टीम के साथ उस रूट पर पड़ने वाले सभी कॉर्नर्स, मल्टीप्ल टर्न्स, मकानों, दुकानों, बस स्टॉप और रेड लाइट पर लगे सीसीटीवी फुटेजों को खंगाला तो पता चला की वारदात को अंजाम देने वाले तीन बदमाशों में से एक बदमाश संगम विहार इलाके में कहीं छिपा हुआ है। संगम विहार में छिपने वाले बदमाश की पहचान प्रकाश के रूप में हुई। सीसीटीवी फुटेज में प्रकाश गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया के साथ बंदुक की नौक पर फॉर्च्यूनर कार लूटते हुए साफ दिखाई दे रहा है। वारदात के बाद से ही प्रकाश ने अपने आपको अंडरग्रांउड कर लिया था। इंस्पेक्टर राजीव बमल के पास इस बात की पुख्ता इनफार्मेशन थी, की वांटेड प्रकाश संगम विहार में छुपा हुआ है। लेकिन किस घर में छिपा हुआ है यह जानकारी नहीं थी। टीम को यह भी पता चला की प्रकाश ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पास मोबाईल फोन भी रखना बंद कर दिया है। टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी प्रकाश को बिल से बाहर निकालना। इसके लिए इंस्पेक्टर राजीव बमल ने एक चाल चली सबसे पहले फॉर्च्यूनर कार लूट की खबर को मिडिया से दूर किया फिर यह रूमर फैला दी क्राइम ब्रांच की टीमे अब इस मामले पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। एएसआई रोहित सोलंकी और हैड कांस्टेबल गुरुवेंद्र सिंह ने संगम विहार के चप्पे चप्पे पर मुखबिरों का जाल बिछा रखा था। साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम संगम विहार के हर एक छोटे बड़े बदमाश की एक्टिविटी और मूवमेंट पर नजर रखे हुए थी। इंस्पेक्टर राजीव बमल की चाल कामयाब हो गई। फॉर्च्यूनर कार लूट की खबर कई दिनों तक मीडिया मे न आने पर प्रकाश को विश्वास हो गया कि अब मामला शांत है। मामला शांत समझकर प्रकाश दिल्ली छोड़कर भागने की फिराक में जैसे ही अपने बिल से बाहर निकला हैड कांस्टेबल गुरुवेंद्र सिंह को मुखबिरों से इसकी भनक लग गई। दिनांक 11 नवंबर को मुखबिरों से हैड कांस्टेबल गुरुवेंदर सिंह को प्रकाश की सटीक एक्टिविटी और मूवमेंट की टिप मिली। हैड कांस्टेबल गुरुवेंदर सिंह की इनफार्मेशन पर टीम ने संगम विहार में छापा मारकर मकान नंबर बी 610, संगम विहार निवासी 29 वर्षीय प्रकाश पुत्र हरिकिशन को दबोच लिया। प्रकाश के पास से पुलिस को एक पिस्टल व 4 जिंदा कारतूस बरामद हुए। आरोपी ने कबूल किया की वो अपने साथियों प्रिंस तेवतिया और सौरभ के साथ दिल्ली कैंट थाना इलाके से एक फॉर्च्यूनर कार लूटने के सनसनीखेज मामले में शामिल था। प्रकाश के खिलाफ पहले से ही थाना संगम विहार, हजरत निज्जामुद्वीन, अमर काॅलोनी व अंबेडकर नगर में अपराधिक मामले दर्ज हैं। रिमांड के दौरान प्रकाश की निशानदेही पर मकान नंबर ए 914, संगम विहार निवासी 25 वर्षीय हनी रावत उर्फ बड़ी आंख पुत्र गोपाल रावत को आश्रम चैक इलाके से दबोच लिया। हनी रावत ने फॉर्च्यूनर कार लूटने के लिए चोरी की बाइक का इंतजाम किया था। यह भी दीपक पंडित व सोनू पहलवान गैंग का सक्रिय सदस्य है। इसके खिलाफ पहले से ही थाना प्रीत विहार, वजीराबाद व इन्द्रपुरी में अपराधिक मामले दर्ज है। फॉर्च्यूनर कार लूट मामले में दर्ज एफआईआर में इसका भी नाम है। पूछताछ के दौरान, आरोपी प्रकाश और हनी रावत उर्फ बड़ी आंख ने खुलासा किया कि वे गैंगस्टर राजकुमार तेवतिया के साथ दीपक पंडित व सोनू पहलवान गैंग के सदस्य हैं। दिल्ली के आया नगर के एक अन्य गैंगस्टर रोहित चौधरी से हमारी दुश्मनी है। गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था और उसे 27 अक्टूबर को जेल में सरेंडर करना था। इसी दौरान तेवतिया को पता चला की गैंगस्टर रोहित चौधरी गैंग से जुड़ा टक्कल नामका बदमाश जमानत पर बाहर आया हुआ है।
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