क्या हालात समझने में चूक गई हरियाणा की पुलिस?
Published: 9 months agoCategory:
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नूंह में हिंसा से पहले शोभायात्रा निकालने को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों समुदायों में जमकर टकराव हो रहा था. दोनों ओर से एक दूसरे को चुनौतियां और धमकियां दी जा रही थीं. ऐसे में नूंह से शुरू हुई हिंसा हरियाणा पुलिस पर भी कई सवाल खड़े करती है. नूंह में हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. हरियाणा के नूंह में हिंसा हरियाणा के मेवात-नूंह इलाके में सोमवार को एक धार्मिक यात्रा निकलने के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई. हिंसा में दो होमगार्ड समेत चार लोगों की मौत हुई है. जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने थाने से लेकर अस्पताल और दुकानों को भी नहीं बख्शा. सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. देखते ही देखते हिंसा सोहना से गुरुग्राम तक फैल गई. हिंसा पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि हिंसा के कई दिन पहले से सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों में बहस चल रही थी. एक दूसरे को चुनौती दी जा रही थी. ऐसे में हरियाणा पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि नूंह जैसे संवेदनशील इलाके में जब ये सब हो रहा था, तब पुलिस क्या कर रही थी नूंह में हिंदू संगठनों की तरफ से तय था कि ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी. तय प्लान के मुताबिक मेवात में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी, तभी यात्रा पर पथराव हो गया. इस बृजमंडल यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे. मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी
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